Rajsthan Gk,राजस्थान इतिहास से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य(fact)

Rajsthan Gk fact




  • आबू के परमारो की प्राचीन राजधानी चन्द्रावती थी।
  • अलाउद्दीन की जालौर विजय के समय वहाँ का शासक कान्हड़ देव था।
  • चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भीनमाल की यात्रा की और उसे पीलोमेलो कहा था।
  • हाड़ाओं के राज्य की स्थापना सर्वप्रथम बूंदी में हुई।
  • इतिहासकार आर.सी. मजूमदार' के अनुसार गुर्जर प्रतिहार ने 6वीं शताब्दी से 11वीं शताब्दी तक अरब आक्रमणकारियों के बाधक का काम किया। राजस्थान के गुर्जर प्रतिहार वंश ने लगभग 200 सालों तक अरब आक्रमणों का प्रतिरोध किया, तो 8वीं से 10वीं शताब्दी तक राजस्थान में प्रतिहार वंश का वर्चस्व रहा।
  • राजस्थान में प्रतिहार वंश के संस्थापक हरिश्चन्द्र के पुत्र रजिल की राजधानी मण्डौर थी। मण्डौर के प्रतिहार क्षत्रिय माने गये हैं। प्रतिहार राजा भोज प्रथम के काल में प्रसिद्ध ग्वालियर प्रशस्ति की रचना की गई।
  • बयाना में प्राचीन काल में वरीक वंश का शासन था।
  • मेवाड़ के महाराणा अमरसिंह द्वितीय के समय में प्रथम श्रेणी के सामंतों की संख्या 16 थी।
  • 'कवि वृष' की उपाधि राजा मुंज को दी गई थी।
  • गुर्जर-प्रतिहार काल में आहड़ का आदिवराह मंदिर / आभानेरी का हर्षतमाता का मंदिर / राजोरगढ़ का नीलकण्ठ मंदिर /ओसियां का हरिहर मंदिर का निर्माण करवाया गया था।
  • परमार राजा धारावर्ष की रानी गीगा देवी थी।
  • राजस्थान के इतिहास में पट्टारेख से अभिप्राय आकलित राजस्व (जागीरदार को वार्षिक आय) है।
  • राजपूताना में जैसलमेर रियासत के शासकों को 'महारावल' कहा जाता था।  
  • गुर्जर प्रतिहार वंश के नागभट्ट द्वितीय ने परम भट्टारक महाराजाधिराज परमेश्वर की उपाधि धारण की थी।
  • राजदरबार में पंक्तिबद्ध तरीके से बैठने की रीति को मिसल कहा जाता है।
  • राजस्थान में एक राजा के दूसरे राजा के साथ होने वाले पत्र-व्यवहार को खरीता कहा जाता था।
  • प्रतिहार प्रशासन में शासक के बाद सर्वाधिक शक्तिशाली युवराज होता था। |
  • राजस्थान में मुस्लिम साम्राज्य के प्रसार का सर्वाधिक श्रेय सुल्तान अलाऊद्दीन खिलजी को जाता है।
  • राष्ट्रनायक पं. जवाहरलाल नेहरू ने राजस्थान को रंगों का प्रदेश कहा है।
  • मालवों की शक्ति का केन्द्र नागौर था।
  • चाटसू की गुहिल शाखा के संस्थापक भर्तृहट्ट थे।
  • शासकों और बड़े सामंतों के पुत्रों को शिक्षा देने के लिए सन् 1875 में अजमेर मेयो कॉलेज स्थापना की गई।
  • नैणसी की ख्यात में गुहिलों की 24 शाखाओं का उल्लेख किया गया है।
  • प्रतिहार शासकों में 'रोहिल्लन्द्धि' के नाम से हरिश्चन्द्र को जाना जाता है।
  • मूलतः पंजाब में उत्पन्न 'भाटी जाति को इंदूवंशी नाम से जाना जाता है।
  • अंग्रेजों ने मांगरोल के युद्ध (1821 ई.) में कोटा महाराव के विरूद्ध झाला जालिमसिंह को सहायता दी थी, तो लॉर्ड लेक ने होल्कर, सिंधिया और अमीर खाँ की संयुक्त सेनाओं को बैर CS(भरतपुर) नामक स्थान पर पराजित किया।









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